B.Ed और D.El.Ed छात्रों के लिए नई गाइडलाइन जारी, 2025 से बदल जाएंगे एडमिशन और ट्रेनिंग के नियम

शिक्षक बनने का सपना देखने वाले छात्रों के लिए बड़ी खबर है। B.Ed and D.El.Ed new rules 2025 से लागू हो रहे हैं, जो एडमिशन और ट्रेनिंग के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव ला रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने इन नई गाइडलाइन्स को जारी किया है, ताकि शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ सके। अगर आप B.Ed या D.El.Ed कोर्स में दाखिला लेने की सोच रहे हैं, तो इन बदलावों को समझना जरूरी है। इससे न केवल आपका करियर मजबूत होगा, बल्कि स्कूलों में बेहतर शिक्षक तैयार होंगे।

नई गाइडलाइन्स क्या हैं?

B.Ed and D.El.Ed new rules के तहत, NCTE ने शिक्षक प्रशिक्षण को ज्यादा व्यावहारिक और गुणवत्तापूर्ण बनाने पर जोर दिया है। ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 से प्रेरित हैं। मुख्य रूप से, एडमिशन प्रक्रिया सख्त हो गई है, जहां केवल NCTE से मान्यता प्राप्त संस्थानों में ही प्रवेश मिलेगा। अगर कोई कॉलेज नियमों का पालन नहीं करता, तो उसकी मान्यता रद्द हो सकती है।

इसके अलावा, कोर्स के दौरान डिजिटल शिक्षा, समावेशी शिक्षण और आधुनिक शिक्षण विधियों को शामिल किया गया है। छात्रों को अब थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल पर ज्यादा फोकस करना होगा। ये नियम 2025 से लागू होंगे, इसलिए अभी से तैयारी शुरू कर दें।

एडमिशन नियमों में बदलाव

B.Ed and D.El.Ed new rules में एडमिशन के लिए सख्त मानदंड तय किए गए हैं। B.Ed के लिए ग्रेजुएशन में कम से कम 50% अंक जरूरी हैं, जबकि D.El.Ed के लिए 12वीं कक्षा में इतने ही अंक चाहिए। आरक्षित वर्गों के लिए छूट रहेगी। अब प्रवेश NTA द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी परीक्षा से होगा, जो योग्यता और विषय ज्ञान पर आधारित होगी।

पहले जहां ड्यूल डिग्री की अनुमति थी, अब B.Ed और D.El.Ed को एक साथ नहीं किया जा सकता। इससे छात्र एक कोर्स पर पूरी तरह फोकस कर सकेंगे। संस्थानों को भी हर दो साल में परफॉर्मेंस रिपोर्ट देनी होगी, ताकि गुणवत्ता बनी रहे।

ट्रेनिंग और इंटर्नशिप में नया क्या है?

ट्रेनिंग अब ज्यादा रियल-टाइम होगी। B.Ed and D.El.Ed new rules के अनुसार, छह महीने की अनिवार्य इंटर्नशिप स्कूलों में करनी होगी। इसमें छात्र असली क्लासरूम में पढ़ाएंगे, लेसन प्लान बनाएंगे और छात्रों का मूल्यांकन करेंगे। इससे थ्योरी और प्रैक्टिस के बीच का गैप कम होगा।

कोर्स की अवधि B.Ed के लिए दो साल और D.El.Ed के लिए भी दो साल रहेगी, लेकिन अब सेमेस्टर सिस्टम में 96 दिन काम करने होंगे। अटेंडेंस 80% से कम नहीं होनी चाहिए, और इंटर्नशिप में 90% जरूरी है। ये बदलाव छात्रों को बेहतर शिक्षक बनाने में मदद करेंगे।

ऑनलाइन मोड पर पाबंदी

B.Ed and D.El.Ed new rules में पूरी तरह ऑनलाइन डिग्री मान्य नहीं होगी। केवल कुछ थ्योरी पार्ट्स ऑनलाइन हो सकते हैं, लेकिन कोर ट्रेनिंग और इंटर्नशिप ऑफलाइन ही होंगे। इससे क्लासरूम मैनेजमेंट और छात्र इंगेजमेंट जैसी स्किल्स विकसित होंगी। अगर आप दूरस्थ शिक्षा सोच रहे थे, तो अब विकल्प सीमित हैं।

संस्थानों के लिए नए मानदंड

संस्थानों को अब NCTE से मान्यता के साथ एक्रेडिटेशन भी लेना होगा। B.Ed and D.El.Ed new rules के तहत, कॉलेजों को मल्टीडिसिप्लिनरी बनना पड़ेगा, जहां अन्य विषयों के साथ शिक्षक शिक्षा चलेगी। इंफ्रास्ट्रक्चर में बैरियर-फ्री एक्सेस, सोलर पैनल और रेनवाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य हैं।

फैकल्टी के लिए भी योग्यता सख्त है, जैसे प्रोफेसर के लिए PhD और अनुभव जरूरी। छात्रों को एडमिशन से पहले कॉलेज की NCTE अप्रूवल चेक करनी चाहिए, वरना डिग्री अमान्य हो सकती है।

छात्रों के लिए फायदे और सलाह

ये B.Ed and D.El.Ed new rules छात्रों को ज्यादा तैयार करेंगे। सरकारी स्कूलों में नौकरी के लिए NCTE सर्टिफाइड डिग्री जरूरी होगी, जो करियर को बूस्ट देगी। लेकिन चुनौतियां भी हैं, जैसे सख्त अटेंडेंस और प्रैक्टिकल फोकस।

सलाह: केवल अप्रूव्ड कॉलेज चुनें, इंटर्नशिप को गंभीरता से लें और डिजिटल टूल्स सीखें। अगर आप ITEP (इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम) चुनते हैं, तो ये चार साल का कोर्स भविष्य में न्यूनतम योग्यता बनेगा। इससे आपका टीचिंग करियर मजबूत और सफल होगा।

अंत में, ये बदलाव शिक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाएंगे। अगर आप छात्र हैं, तो अभी से अपडेट रहें और सही फैसला लें। B.Ed and D.El.Ed new rules से जुड़ी और जानकारी के लिए NCTE वेबसाइट चेक करें।

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